HOW MUCH YOU NEED TO EXPECT YOU'LL PAY FOR A GOOD APSARA SADHNA

How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good apsara sadhna

How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good apsara sadhna

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माँ बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच – शत्रु बाधा, कोर्ट केस व तंत्र से सुरक्षा के लिए

साधना के दौरान अपनी कामनाओं को नियंत्रित करें, और वासनाओं का कोई स्थान न दें, क्योंकि ऐसे विचार साधना को असफल बना सकते हैं।

कामेच्छी अप्सरा साधना परिचय- अमराबती स्वर्गलोक के देबराज इन्द्र की राजधानी का ऐश्वर्य बहाँ की १६,१०८ अप्सराओं की कृपा का प्रसाद कहा जाता है । इन १६,१०८ में से १०८ अप्सराएं तो इन्द्र भगबान ने बेदों की १०८ ऋचाओं की साधना करके स्वयं प्रकट की थीं । इन १०८ की नायिका मेंनका और रम्भा आदि हैं । नर नारायण की तपस्या से डरकर इन्द्रदेब ने रम्भा, मेंनका आदि १६ प्रमुख अप्सराएं भेजीं । तब नर ने क्षुब्ध होकर अपनी दायीं जंघा पर हथेली मारकर उर्बशी आदि १६००० अप्सराएं उत्पन्न करके इन्द्र के पास भेज दीं ।

अप्सरा साधना के नियम - यक्षिणी के साधना के नियम

Apsara Sadhana can assist you in manifesting your heart’s motivation. However, it should not have an effect on someone else’s lifestyle.

Right before embarking on Apsara Sadhana, it is critical to refer to proficient practitioners or tantrics who can offer steering and guidance. Astrologer Ayush Rudhra Ji concentrates on spiritual techniques and can assist you navigate this sophisticated terrain safely.

पूजा और उपासना: साधक को अप्सरा साधना में पूजा और उपासना का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों को प्रसन्न करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

शिव-उपासना में रुद्राक्ष की माला और यंत्र का प्रयोग करें।

इन अंतरों के बावजूद, दोनों अप्सराओं और परियों में आध्यात्मिक मानवता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और साधकों को आत्मिक उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।

मनोवैशिष्ट्य: अप्सराएं अनेक विविध मनोवैशिष्ट्यों से सम्पन्न होती हैं। उनकी प्रभावशाली वाणी, मुखाभिव्यक्ति, और वाणीकरण शक्ति भी उन्हें शक्तिशाली बनाती हैं।

नियमित साधना: साधक को नियमित रूप से साधना करनी चाहिए। read more यह साधना का अभ्यास नियमितता और निष्ठा के साथ किया जाना चाहिए।

शुद्ध और निष्काम भावना: साधक को शुद्ध और निष्काम भावना से साधना करनी चाहिए। उसे किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या लोभनीयता से दूर रहना चाहिए।

साधना किसी योग्य गुरु के निर्देशन में करना चाहिए।

भावनात्मक उत्थान: अप्सरा साधना साधक की भावनात्मक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह साधना उसे प्रेम, करुणा, और सहानुभूति की भावना से प्रेरित करती है।

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